USSD (अनइस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाट

  • USSD एक मोबाइल सर्विस है। इसका उपयोग इन्टरनेट के बिना भी किया जा सकता है। इस सर्विस का इस्तेमाल मोबाइल बैंकिंग के लिए भी किया जाने लगा USSD Code के द्वारा बैंक अकाउंट का बैलेंस पता करने बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने और बैंक कि सभी सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है। आप बैंकिंग के USSD का प्रयोग तभी कर सकते हैं। जब आपका मोबाइल नंबर आपके बैंक खाते से जुड़ा हो। सभी टेलीकॉम कंपनियो कहां अपना अलग-अलग USSD Code होता है। इस सर्विस का लाभ उठाने के लिए न ही स्मार्टफोन की जरूरत होती है और न ही इंटरनेट की। सभी USSD Code की शुरुआत में *(स्टार) और अंत में# (हैश ) का चिन्ह होता है। अलग -अलग सुविधा के लिए अलग-अलग USSD Code बनाएं गए हैं। बैंकिंग सुविधा के लिए *99# का इस्तेमाल होता है।

कार्ड (क्रेडिट/डेबिट )

क्रेडिट कार्ड क्या है?

क्रेडिट कार्ड एक छोटा प्लास्टिक कार्ड है, जो बैंक द्वारा कस्टमर को दिया जाता है या कुछ लोन देने वाली कंपनियाँ भी यह कार्ड कस्टमर को देती है। इस कार्ड की सहायता से डिजिटल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं या ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते है, लेकिन यह कार्ड सभी कस्टमर को नहीं दिया जाता केवल कुछ ही कस्टमर को यह कार्ड बैंक द्वारा दिया जाता है। हम डेबिट कार्ड की तरह क्रेडिट कार्ड से पैसे नहीं निकलवा सकते हैं, इससे केवल ऑनलाइन ट्रांजैक्शन शॉपिंग या फण्ड ट्रांसफर कर सकते हैं। यदि आपके बैंक अकाउंट के अंदर बिल्कुल भी बैलेंस नहीं है, तो भी आप क्रेडिट कार्ड की सहायता से एक लिमिट तक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। यह लिमिट बैंक द्वारा सेट की जाती है, जो अलग-अलग क्रेडिट कार्ड के हिसाब से अलग-अलग होती है; जैसे — एक महीने में ₹1 लाख या इसमें और काम भी हो सकती है।

अब आप क्रेडिट कार्ड से लिमिट के अंदर पैसे खर्च करते हैं, तो महीने के अंत में आपको सारे पैसे चुकाने पढ़ते हैं। जितना आपने क्रेडिट कार्ड से इस्तेमाल करके खर्च किया है। पैसे चुकाने तारीख बैंक द्वारा दी जाती है। यदि आप उस तारीख को पैसे नहीं चुकते, तो आपको खर्च किए हुए पैसे के साथ -साथ उसका जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। और आपको बता दे कि क्रेडिट कार्ड का जुर्माना बहुत ज्यादा होता है इसके ऊपर हाई इण्टरेस्ट लगता है

डेबिट कार्ड क्या होता है।

डेबिट कार्ड को बैंक कार्ड या चेक कार्ड भी कहा जाता है। जब आप बैंक के अंदर अपना अकाउंट खुलवाने जाएंगे तो बैंक द्वारा अकाउंट ओपन करने के साथ आपको एक प्लास्टिक कार्ड दिया जाएगा, ATM या डेबिट कार्ड कहां जाता है। आप डेबिट कार्ड की सहायता से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन या शॉपिंग या ATM से कैश निकाल सकते हैं

eWallet

eWallet एक डिजिटल बटुआ है, जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन करने के लिए किया जाता है। इसमें ऑनलाइन खरीदारी, बिल, भुगतान, रिचार्ज ,टिकट, बुकिंग ,मनी टसफर शामिल है।eWallte का पूरा नाम Electronic Wallet है। इस मोबाइल वॉलेट, डिजिटल, वॉलेट,तथा वर्चुअल,वॉलेट,भी कहा,जाता है। e-Wallet आपको prepaid Service महैया करता है, यानी पहले आपको वॉलेट में पैसा डालना पड़ता है। इसके बाद आप वॉलेट में उपलब्ध पैसे का इस्तेमाल सम्मिलित ऑनलाइन सेवाओं से भुगतान के लिए कर सकते हैं। इसका अच्छा उदाहरण Paytm है ।

भारत मैं प्रसिद्ध e- Wallet

  • Paytm
  • Airtel Money
  • Citi pay master pass
  • Citrus pay
  • Freecharge
  • HDFC pay Zapp
  • ICICI pockets
  • jio money
  • Jus pay
  • Asix pay Go
  • mobilKwim
  • Ola money
  • SBI buddy
  • Google pay
  • phonepe
  • PayPal
  • Yes pay
  • Amazon pay
  • Bhim

PoS(प्वाँइंण्ट आँफ सेल

PoS एक कम्प्यूटराइज्ड मशीन है, जिसका उपयोग कैश रजिस्टर के स्थान पर किया जाता है। PoS मशीन डेविट/क्रेडिट कार्ड को पढ़ना खरीदारी की पुष्टि करना और ग्राहक को समान की रसीद देने का काम करती है। लेकिन यह काम व्यापार तथा लोकेशन के हिसाब परिवर्तित हो सकता है। PoS की फुल फॉर्म Point of Sale होती है, जिसका हिंदी में अर्थ बिक्री केंद्र होता है। इसका अर्थ यह है की एक PoS टर्मिनल का दुकान या खुदरा स्टोर में वह स्थान होता है, जहाँ से ग्राहक सामान खरीदते हैं।

PoS बिक्री का एक बिंदु वह स्थान है, जहां ग्राहक द्वारा वस्तुओं या सेवाओं हेतु भुगतान किया जाता है। यहां पर बिक्री कर भी देय होता है । यह कोई बाह्य स्टोर हो सकता है जहाँ पर भुगतान के लिए कार्ड पेमेंट या वर्चुअल सेल्स पॉइंट: जैसे — कम्प्यूटर या मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग किया जाता है। PoS में लेन-देन के लिए किसी भी प्रकार के डेबिट कार्ड, क्रेडिट: कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। जब कोई ग्राहक किसी कारोबारी से कोई प्रोडक्ट या सर्विस लेता है और बदले मे उसे भुगतान करना होता है, तो वह अपने कार्ड से PoS मशीन की मदद से करोबारी को पमेंट करता है।

PoS का इस्तेमाल उसे स्थान पर किया जा सकता है, जहांँ ग्राहक किसी प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदता है या भुगतान करता है: जैसे—शॉपिंग मॉल, मेडिकल स्टोर किराने की दुकान हॉस्पिटल आदि

इण्टरनेट बकिंग

इण्टरनेट बैंकिंग एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है, जिसके द्वारा बैंक के कस्टमर बैंक की वेबसाइट के द्वारा ट्रांजैक्शन: जैसे—अपना अकाउंट पेण्टने करना, धन ट्रांसफर करना, बील Pay करना आदि कर सकते हैं। यह पुरी तरह सेफ है लेकिन इस समय कस्टमर के मोबाइल या कम्प्यूटर में इण्टरनेट कनेक्शन का होना अनिवार्य है। कोई भी व्यक्ति ATM की सर्विस का प्रयोग 24 ×7 और 365 दिन कर सकता है। इण्टरनेट बैंकिंग एक्सेस करने के लिए—

  • बैंक की सिक्योर वेबसाइट को खोलें।
  • इण्टरनेट बैंकिंग में अपनी कस्टमर आईडी और पासवर्ड द्वारा लाँग–इन
  • आँथेण्टिकेशन सक्सेसफुल हो जाने पर आप इण्टरनेट बैंकिंग के कस्टमर एरिया में पहुंँच जाएंँगे।

नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर

नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर (NEFT) भारत का सबसे प्रोमिनेण्ट इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर सिस्टम है, जो बैंक के कस्टमर को आसानी से और सेफली one–to–one बेसिस पर फण्ड ट्रांसफर करने की फेसिलिटी प्रदान करता है। यह समय को बचाता है और इलेक्ट्रॉनिक मैसेज के द्वारा कार्य करता है। यह नेट ट्रांसफर फैसिलिटी है, जो प्रति घंण्टे बैच के अनुसार एग्जीक्यूट होता है।

(NEFT) का प्रोसेस

  • उसे उदाहरण में कस्टमर वह व्यक्ति हैं, जो रुपए ट्रांसफर करता है और रिसिपेण्ट वह व्यक्ति है जो रुपए को पाएगा।
  • कस्टमर फार्म भरता है जिसमें वह रिसिपेण्ट संबंधित जनकारी; जैसे—रिसिपेण्ट का नाम, बैंक, ब्रांच का नाम,IFSC कोड, अकाउण्ट का प्रकार, अकाउंट नंबर तथा डिपॉजिट करने के लिए रकम भरता है
  • सभी डटेल भरने के बाद, कस्टमर अपने बैंक की ब्रांच को Authorize करता है कि वह उसके अकाउण्ट से रपए डेबिट करके स्पेसिफाई किए गए व्यक्ति के अकाउण्ट मैं रपए डिपॉजिट कर दे।
  • कस्टमर के बैंक की ब्रांच पुलिंग सेण्टर के लिए एक मैसेज बनातीं है, और जिसे NEFT सर्विस सेण्टर कहते हैं।
  • NEFT सर्विस सेण्टर रिसीवड मैसेज को नेशनल क्लीयरिंग सेल, बैंक ऑफ इंडिया (मुंबई) के माध्यम से NEFT क्लीयरिंग सेण्टर को फॉरवर्ड कर देता है
  • इसके बाद NEFT क्लीयरिंग सेण्टर इन फण्ड ट्रांसफर ट्रांजैक्शन मैसेजेस को डेस्टिनेशन बैंक्स के अनुसार शॉर्ट करता है और अकाउण्ट एण्ट्रीज मेण्टेन करता है, जिससे ओरिजिनेटेड बैंक्स से फण्ड लिया जा सके तथा डेस्टिनेशन बैंक्स को फण्ड दिया जा सके
  • इसके बाद, बैंक वाइस ट्रांसफर का मैसेज डेस्टिनेशन बैंक्स (ओरिजिनेटेड बैंक्स या कस्टमर बैंक्स)के NEFT सर्विस सैण्टर द्वारा फॉरवर्ड कर दिया जाता है।
  • फाइनली डेस्टिनेशन बैंक्स (ओरिजनेटेड बैंक्स या कस्टमर बैंक्स) क्लीयरिंग सैण्टर द्वारा इन वर्ड फण्ड ट्रांसफर मैसेज रिसीव करता है और क्रेडिट अमाउण्ट को रिसिपेण्ट अकाउण्ट में ट्रांसफर कर देता है।

रीयल टाइम ग्राँस सेटलमेण्ट (RTGS)·

रियल टाइम ग्राँस सेटलमेण्ट (RTGS) एक इण्टर बैंक फण्ड ट्रांसफर सिस्टम है, जो रियल टाइम में और ग्राँस बेसिस पर एक बैंक से दूसरे बैंक में रुपया ट्रांसफर करता है। रियल टाइम ग्राँस सेटलमेण्ट (RTGS) सिस्टम हाई–वैल्यू ट्रांजैक्शन (जिन्हें तुरंत क्लियरेंस चाहिए) के लिए प्रयोग किया जाता है, इसके माध्यम से। ₹2 लाख या उससे ज्यादा बड़ी रकम भेजी जा सकती है ।

इमीडिएट पेमेण्ट सर्विस(IMPS)

IMPS कि फुल फार्म तत्काल भुगतान सेवा है। यह नेशनल पेमेण्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCS) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा है, जिसके द्वारा आप तुरंत फण्ड ट्रांसफर या प्राप्त कर सकते हो, तुरंत पैसे भेजना हो या प्राप्त करने, हो तो IMPS का एक बेहतरीन सर्विस है, जिसमें आप रियल टाइम में बैकिंग ट्रांजैक्शन कर पाते हैं। IMPS सुविधा 24 ×7 उपलब्ध है। IMPS के द्वारा बैंक की अवकाश के दिन भी मनी ट्रांसफर की जा सकती है, IMPS अन्य मनी ट्रांसफर सर्विसेज(NEFT और RTGS ) से बेहतर है, क्योंकी NEFT में मनी ट्रांसफर होने में समय लगता है, और RTGS में वैसे तो रियल टाइम में पैसा ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन RTGS ₹ 2 लाख से ज्यादा के ट्रांजेक्शन के लिए ही उपलब्ध है।

ऑनलाइन बिल भुगतान

उपभोकता द्वारा किसी भी सर्विसेज के लिए ऑनलाइन भुगतान करने को इ-बिल कहते हैं। जिसे उपभोकता क्रेडिट, डेबिट कार्ड. मोबाइल अथवा इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर के जरिए भुगतान कर सकता है। दरअसल इ-बिल भुगतान की सुविधा होने से समय की बचत के साथ – साथ कैसे कैरी करने का झंझट नहीं होता है। साथ ही सुरक्षा के लिहाज से भी ऑनलाइन भुगतान सुविधाजनक और सुरक्षित होता है।

देश में डिजिटल भगतान की रफ्तार जिसे तेजी से बड़ी है, उसको देखते हुए सरकार कैश के प्रचलन की जगह कार्ड और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रही हैं। हालांकि ऑनलाइन भुगतान की सुविधा पहले से उपलब्ध है, लेकिन इस सिस्टम का लाभ वही ग्राहक उठा रहे थे नेट बकिंग का इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन अब यह सुविधा सभी के लिए उपलब्ध है। ऑनलाइन भुगतान की सुविधा शुरू होने से बाजार तेजी पकड़ी है, साथ ही आम लोगों का जनजीवन भी आसन हो गया है । यानी वर्चुअल दुनिया से पैसा यहांँ से वहाँ जा रहा है। आप खरीदारी भी कर रहे हैं और सुविधाएँ भी पा रहें हैं। यही नहीं घर बैठे यूटिलिटी बिल का भुगतान भी आपकी जिंदगी को आसन बना चुक है।

सारांश है। क्या

  • चिट एक ट्रांजैक्शन है, जिसमें एक व्यक्ति कई व्यक्तियों के साथ मिलकर एग्रीमेंण्ट करता है।
  • डिजिटल उपकरण (मोबाइल व लैपटॉप आदि) द्वारा वित्तीय सेवाओं का उपयोग डिजिटल वित्तीय सेवा कहलाता है।
  • OTP एक प्रकार का सुरक्षा कोड है, जिसके द्वारा यूजर को वैध प्रमाणित जाता है।
  • QR Code एक मशीन-पठनीय ऑप्टिकल बार कोड होता है, जिसमें जिसमें किसी विशेष Item से सम्बंधित जानकारी जुड़ी होती है।
  • जून 2011 में Royal Dutch mint द्वारा विष्व की पहली QR Code मुद्रा लॉन्च की गई थी
  • UPI रियल टाइम पेमेण्ट सिस्टम है, जिसके द्वारा दो बैंक अकाउण्ट के बिच तुरन्त मनी ट्रांसफर की जा सकती।
  • UPI को अप्रैल 2016 मैं NPCI व RBI द्वारा शुरू किया गया था
  • AEPS एक आधार आधारित भुगतान प्रणाली है, जिसके द्वारा अन्तर्वित्तीय बैंकिंग लेन-देन समावेशन सरलता से हो पाता है।
  • सभी USSD Code की शुरुआत में * ( स्टार) और अंत में # (हैश ) का चिन्ह होता है
  • डेबिट कार्ड को ATM या बैंक कार्ड भी कहा जाता है।
  • e-Wallet एक डिजिटल बटुआ है.जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन करने के लिए कियाजता है।
  • Paytn,Jio Money,Googal Pay,Paypal तथा BHlM आदि e-Wallet
  • प्वाँइंण्ट आँफ सेल (पास) एक कम्प्यूटराइज्ड मशीन है,.जिसका उपयोग कैश रजिस्टर के स्थान पर किया जाता है।
  • NEFT भारत का सबसे प्रोमिनेण्ट इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर सिस्टम है, जो बैंक के ग्राहक को आसानी से और सुरक्षानुरूप One – To One बेसिस पर फण्ड ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करता है।
  • NERFT के द्वारा ₹ 10,000 से ₹ 2 लाख तक की मनी ट्रांसफर की जा सकती है
  • RTGS के माध्यम से ₹ 2 लाख या उससे अधिक बड़ी धनराशि ट्रांसफर की जा सकती है।
  • IMPS भी NPCI द्वारा तुरंत फण्ड ट्रांसफर अथवा प्राप्त करने की तत्काल भुगतान सेवा है ।
  • उपभोकताओ द्वारा किसी भी सर्विसेज के लिए ऑनलाइन भुगतान करने को इ-बिल कहते हैं । कहते हैं।, जिसे उपभोकता क्रेडिट/डेबिट कार्ड अथवा मोबाइल.से भुगतान कर सकता है।

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